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Rajasthan Vidhansabha : दीप्ति किरण के सवाल पर सुमित गोदारा बोले, उपभोक्ता हितों के सरकार प्रयासरत
- एक जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2024 के बीच कुल 704 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें 524 निस्तारित
RNE Jaipur-Bikaner.
उपभोक्ता मामलात मंत्री सुमित गोदारा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने सदन को बताया कि विगत वर्ष एक जनवरी 2024 से 31 दिसम्बर 2024 के बीच इस संबंध में कुल 704 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें 524 को निस्तारित किया गया।उपभोक्ता मामलात मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी व खराब गुणवत्ता वाली वस्तुओं से बचाने के लिए ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे विभिन्न कार्यक्रमों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है।
इससे पहले विधायक दीप्ती किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उपभोक्ता मामलात मंत्री ने बताया कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन एवं दोषपूर्ण उत्पाादों से उपभोक्ता्ओं को बचाने के लिए विभाग द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 के अन्तर्गत उपभोक्ता अधिकारों का एवं इसके अन्तर्गत मिलने वाले प्रतितोष का समय-समय पर व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाता है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायत को सुनने एवं उनके निराकरण के लिए वैकल्पिक शिकायत निवारण व्यउवस्था के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन का संचालन सोमवार से शनिवार प्रात: 10.00 से सायंकाल 05.00 बजे तक नियमित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 18001806030 एवं 14435, व्हाटसएप नम्बर 7230086030 पर की जा सकती है तथा मेल, डाक अथवा व्यक्तिगत उपस्थित होकर भी प्रस्तुत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त हैल्पतलाइन द्वारा उपभोक्ताओं को प्रतितोष हेतु संबंधित आयोग में परिवाद दायर करने हेतु नि:शुल्क सलाह व परामर्श भी प्रदान किया जाता है।
गोदारा ने बताया कि ई- वाणज्यिक कंपनियों की गतिविधियों पर निगरानी के लिए नियामक कदम उठाने हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा- 94 के अन्तर्गत केन्द्र सरकार सक्षम है।इस क्रम में केन्द्र सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियम, 2020 जारी किये गये हैं। अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्रं व राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, विधिक मापविज्ञान अधिनियम 2009, राजस्थान विधिक माप विज्ञान (प्रवर्तन) नियम 2011, विधिक मापविज्ञान (डिब्बा बन्द वस्तुऍं) नियम 2011 नीतिगत एवं कानूनी प्रावधान हैं।
ये हैं नियम-प्रावधान :
उपभोक्ता मामलात मंत्री ने बताया कि अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त कंपनियों पर कार्यवाही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा-35 के अन्तर्गत स्वयं उपभोक्ता द्वारा राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में की जा सकती है। आरोपी कंपनियों पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के विधिक आलोक में आयोग की न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से शास्ति लगाये जाने का प्रावधान है। अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत अनुचित व्यापार व्यवहार सिद्ध हो जाने पर जिला आयोग त्रुटि दूर करने, अनुचित व्यापार व्यवहार बन्द करने, परिसंकटमय वस्तु के निर्माण को बन्द करने, राशि ब्याज सहित वापस लौटाने तथा ऐसी राशि देने, जो विरोधी पक्षकार की उपेक्षा के कारण उपभोक्ता द्वारा सहन-वहन की गई है, को जिला आयोग दण्ड/शास्ति, जिसे वह ठीक समझे लगाये जाने में सक्षम है।